The winning entry has been announced in this pair.There were 7 entries submitted in this pair during the submission phase. The winning entry was determined based on finals round voting by peers.Competition in this pair is now closed. |
थीम: संबंध कामुकता और किसी लतखोरी वाले मादक पदार्थ में एक चीज़ समान होती है: इसके आनंद में जबरदस्ती का भाव रहता है जिसे हम आधे मन से स्वीकार करते हैं, और आधे मन से नहीं भी। इस प्रकार आरंभ से ही मानव जाति कामुकता से तबाह हुए बिना इसका लुत्फ़ उठाने की कोशिश करती रही है। हमारे समाज और धर्म इस विकट पहेली के जो विभिन्न समाधान पेश करते हैं उन्हें उसी रूप में परिभाषित किया जाता है। बहु-पत्नीत्व, कुंठित एक-पत्नीत्व, अवैध प्रेम प्रसंग सहित एक-पत्नीत्व, वेश्यागमन सहित एक-पत्नीत्व, लगातार एक-पत्नीत्व। अलग-अलग व्यक्तियों की भारी कल्पनाशीलता, या दुस्साहस भरी जुगतों की तो बात ही निराली है: विक्टर ह्यूगो ने अपने ऑफ़िस की दीवार में इसलिए एक दरवाज़े का इंतज़ाम किया हुआ था कि वह हर रोज़ दोपहर को किसी लड़की को अंदर बुला सके। ऑडेन को शहर-शहर घूमकर कॉल-ब्वाय ढ़ूँढ़ने का चस्का था। पिकासो की पत्नी और रखेल दोनों ने जब उसे उनमें से किसी एक को चुनने की चुनौती दी तो वह साफ़ मुक़र गया। फिर कमीज़ पर बाल पाए जाने का किस्सा तो सदियों से चला आ रहा है। परंतु जब आप एक नई तरोताज़ा परंतु छल-कपट पूर्ण जिंदगी जीकर जागते हैं तो यह याद रखना ज़रूरी है कि कामुकता का जुगाड़ न तो आपके लिए, और न ही शायद केवल प्राणिमात्र के जीवित रहने के लिए किया गया था, बल्कि यह तो देवताओं के भोगविलास के लिए किया गया था। कामोद्दीपन और परपीड़न सुख के इतने अधिक अवसर पैदा कर सकने के मामले में कामुकता से बढ़कर कोई और चीज़ नहीं है। यही कारण है कि इस विषय को लेकर इतनी अधिक किस्सागोई होती आ रही है। हेलेन के विश्वासघात के अंजाम को देखने के लिए स्वर्ग की अट्टालिकाओं में देवताओं की भीड़ मानो उमड़ ही पड़ी थी! और आपके दोस्त-यार भी तो आप पर नज़र रखे हुए हैं। देर रात तक चलनेवाले किस्सों की गुफ़्तगू में आपके कारनामे चार चाँद लगा देते हैं। इतिहास और पुराण दोनों ही इस बात के गवाह हैं कि अपनी चालाकी से ज़िंदा बच निकलनेवाला तिकड़मी ओडिसियस ऐसा पहला इंसान था जिसने देवताओं की आँखों में धूल झोंकने की कला में निपुणता हासिल कर ली थी। और शायद उसकी सबसे ज़्यादा शातिर चाल वह थी जिसमें उसने जलपरियों की आवाज़ कानों तक पहुँचने से पहले ही खुद को मस्तूल से बाँध लिया था। हालाँकि ऐसे लोग भी होते हैं जो रेलिंग के किनारे खड़े रहकर खुश रहते हैं, और दूर क्षितिज में ताकते रहना पसंद करते हैं। नहीं तो, आप अपने मस्तूल चुन लें, अपनी मनपसंद रस्सियाँ ढूँढ़ लें: खेलकूद की, काम में तल्लीनता की, घंटी लेकर भगवान के भजन में निमग्न ब्रह्मचारी बने रहने की...लेकिन सबसे ज़्यादा नरम और कठोर रस्सियाँ शायद उन उपनगरीय वानप्रस्थियों के पास मिलेंगी जिनके बच्चे हुड़दंग करते रहते हैं और उनकी एक अदद बीवी उन्हें ज़्यादा देर तक चैन से नहीं बैठने देती। टिम पार्क्स लिखित लेख, इरोज़। | Entry #4345 Winner
|
कामुकता और नशीली दवाओं में एक समानता हैः दोनों में ही विलास के लिए बाध्य करने वाला तत्व मौजूद होता है। इस तत्व के साथ मिलकर अपराध करने को हमारा एक मन तो हामी भरता है, एक मन नहीं। इस प्रकार, अनादि काल से ही लोग दोनों हाथों में लड्डू रखने की कोशिश करते रहे हैं और उनका पूरा प्रयास रहा है कि कामुकता के आनंद में डुबकी तो लगा ली जाए, लेकिन इससे होने वाली बरबादी से बचकर। यहां तक कि विभिन्न समाजों, धर्मों का चित्रण इस आधार पर किया जा सकता है कि इस पहेली से निपटने के लिए उन्होंने किस तरह की व्यवस्था या आचरण को अपनाया है। बहुविवाह प्रथा, दमनयुक्त एकविवाह प्रथा, गुप्त प्रेम-संबंधों के साथ एकविवाह प्रथा, एकविवाह प्रथा लेकिन वेश्यावृत्ति के चलते, या फिर एकविवाह प्रथा लेकिन एक के बाद एक कई विवाह करना। और, व्यक्तिगत स्तर पर इस दुधारी तलवार को संचालित करने में लाज़वाब़ निपुणता, या फिर दुस्साहसी कारनामों का तो कहना ही क्याः विक्टर ह्यूगो, जिसने अपने ऑफिस की दीवार तुड़वाकर उसी में एक दरवाजा बनवा लिया था, ताकि हर रोज अपरान्ह में एक बाला को अंदर बुलाया जा सके। या फिर, धंधा करने वाले लड़के ढूंढने में ऑडन की सहज प्रवृत्ति, शहर चाहे जो भी हो। और पिकासो - ये महाशय तो तब साफ मुकर जाते थे, जब उनकी पत्नी और प्रेमिका उनसे कहतीं कि वे किसी एक को चुन लें। और, निःसंदेह हेअर-शर्ट तो हमेशा है ही। लेकिन, जब आप खुद को इस रंगीली और चक्करदार व पेचीदगियों भरी जिंदगी के आनंद में सराबोर पाएं, तो शायद आपको सचेत हो जाना चाहिए और याद करना चाहिए कि कामुकता की रचना आपके लिए नहीं की गई थी, और न ही मात्र जाति-वंश को आगे बढ़ाने के लिए। इसके सृजन का असली उद्देश्य तो शायद देवताओं का मनोरंजन करना था। गुदगुदाहट और दूसरों की बरबादी से मिलने वाले सुख के ढेर सारे अवसर पैदा करने में कामुकता का कोई सानी नहीं। और, यही कारण है कि इतने सारे किस्से-वृतांतों का ताना-बाना कामुकता के इर्द-गिर्द बुना जाता है। याद करें, कैसे हेलन की बेवफ़ाई का अंजाम देखने देवताओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी और स्वर्ग के छज्जों में तिल रखने की भी जगह न बची थी!! और, आपके मित्र भी तो नज़र रखे हुए हैं। आपकी हरकतों से कइयों को बढ़िया मसाला मिल गया है, देर रात की गपें नमक-मिर्च लगाकर पेश करने के लिए। इतिहास और पौराणिक कथाओं की सीमा पर, बच निकलने वाला चालाक ओडिसस पहला व्यक्ति था जिसने देवताओं को चकमा देना सीख लिया था। शायद उसकी सबसे चालाकी भरी तरकीब वह थी, जिसमें उसने जलपरियों की मदमत्त कर देने वाली आवाज कानों में पड़ने से पहले ही खुद को मस्तूल से बंधवा लिया था। निःसंदेह ऐसे लोग हैं, जो मर्यादा में रहकर ही संतुष्ट हैं, यहां तक कि दूर गंतव्य की ओर नज़रें गड़ाये रखकर भी। यदि ऐसा नहीं कर सकते, तो आप भी खुद को जकड़े रखने के लिए अपना मस्तूल चुन लें। अपने लिए कोई ऐसा बंधन ढूंढें जो आप पर ठीक बैठता हो। वह कुछ भी हो सकता है, जैसे खेलकूद, अत्यधिक काम का नशा, पूजा की पुस्तक और घंटी लेकर ब्रह्मचर्य का पालन... लेकिन सबसे सुंदर व सबसे मुश्किल बंधन तो शायद आपको किसी उप-नगरीय परंपरागत घर में मिलेगा, जिसमें होंगे हुल्लड़बाज बच्चे और एक महिला, जो कभी भी ज्यादा देर तक चैन से नहीं बैठती। | Entry #4174
|
कामवासना एक मायने में उस नशीली दवा की तरह है जिसकी लत इंसान को लग जाती है: नशीली दवाओं की तरह ही कामवासना से प्राप्त होने वाला आनन्द हमें ऐसे अनुचित काम करने हेतु उकसाता है जो कुछ हद तक हम करते हैं और कुछ हद तक नहीं। अत: सृष्टि के आरम्भ से ही मनुष्य यह प्रयास करता आया है कि कामवासना द्वारा स्वंय को बिना कोई नुकसान पहुंचाए वह उसका भरपूर मजा उठा सके। विभिन्न समाज और धर्म इस कठिन समस्या का हल निकालने के लिए जो तरीके अपनाते हैं, उसके आधार पर उनका स्वरूप निर्धारित किया जा सकता है। इनमें से कहीं बहुविवाह और एक से अधिक व्यक्तियों से यौन सम्बन्ध रखने की प्रथा प्रचलित हो सकती है, तो कहीं दबाव की वजह से केवल एक ही व्यक्ति से विवाह करने और यौन सम्बन्ध रखने की, कहीं एक से विवाह करके किसी अन्य के साथ प्रेम सम्बन्ध होने की स्थिति पाई जा सकती है, तो कहीं यह देखने को मिलता है कि पुरुष विवाह तो केवल एक ही स्त्री से करते हैं लेकिन उनके यौन-सम्बन्ध वेश्याओं से होते हैं। साथ ही ऐसे उदाहरण भी मिलते हैं जहाँ लोग बार-बार विवाह करके थोड़े- थोड़े समय के लिए अनेकों से सम्बन्ध बनाते हैं। अपनी कामवासना पूरी करने के लिए कुछ लोगों ने बड़ी होशियारी से बेखौफ होकर ऐसे-ऐसे काम किए हैं, जो सब जानते हैं: विक्टर ह्यूगो हर दोपहर अपने ऑफिस के बंद कमरे में एक लड़की बुलाता था। हर शहर में एक कॉल ब्वॉय की तलाश करना ऑडेन की पैदायशी प्रवृत्ती थी। जब पिकासो की पत्नी और रखैल ने उससे यह कहा कि वह उन दोनों में से किसी एक को चुन ले, तो उसने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया। इन सभी के साथ-साथ कुछ ऐसे लोग भी मिलते हैं जो किसी न किसी वजह से अपनी खुशियों का त्याग करके नीरस जीवन बिताते हैं। लेकिन हर सुबह उठ कर जब हम जीवन के नए रंगों और यंत्रणाकारी जटिलताओं से दो-चार होते हैं तो शायद हमें खुद को यह याद दिलाना चाहिए कि कामवासना का सृजन हमारे लिए नहीं हुआ था, न ही इसे केवल मानव जाति को कायम रखने के इरादे से रचा गया था, बल्कि सम्भवतः इसके सृजन का उद्देश्य देवताओं का मनोरंजन करना था। जो उत्तेजना और आनन्द कामवासना से पैदा होता है, वह किसी भी अन्य चीज से पैदा नहीं हो सकता। यही वजह है कि इसे विषय-वस्तु बनाकर न जाने कितना कुछ लिखा जा चुका है। हेलेन के विश्वासघात का परिणाम देखने के लिए देवगणों का झुंड कैसे स्वर्ग के छज्जों पर इकट्ठा हो गया था! और अब आपके मित्र भी यही देख रहे हैं। देर-रात को होने वाली बातचीत के दौरान आपकी मसखरी भरी बातें भी कई बार ऐसा ही उत्तेजक माहौल पैदा कर चुकी हैं। पौराणिक कथाओं और इतिहास के बीच की रेखा पर युद्ध के बाद जीवित बचा चतुर ओडिसियस पहला व्यक्ति था जिसने देवताओं को मात देने का साहस किया, और सम्भवतः उसकी सबसे अधिक चतुराई भरी चाल थी समुद्री यात्रा के दौरान सम्मोहनकारी समुद्री परियों की मद भरी आवाज अपने कानों तक पहुँचने से पहले खुद को मस्तूल से कस कर बांध लेना और उनके जाल में फंसने से खुद को बचा लेना। निश्चित रूप से ऐसे लोग भी हैं जो समुद्री परियों के इस खतरनाक छलावे को जानते हुए भी जहाज के मुहाने पर खड़े होकर क्षितिज को निहारते रहने में खुश हैं। लेकिन अगर आप इस जाल में फंसने से खुद को बचाना चाहते हैं तो इसका रास्ता चुनिए, देखिए कि आपके लिए कौन सी जंजीरों से बंधना उपयुक्त रहेगाः खेलकूद, अत्यधिक कर्मठता, या नितान्त ब्रह्मचर्य....लेकिन शायद इन सबमें अपनी ही तरह की सबसे अलग और कठोर जंजीरें एक उपनगरीय घर में मिलेंगी, जहाँ लोग एक-दूसरे से ज्यादा प्रेम नहीं करते, जहाँ ऊधमी बच्चे और एक ऐसी औरत रहती है जिसे घर में ज्यादा देर तक शान्ति बनी रहने देना कतई पसंद नहीं है। | Entry #4481
|
कामुकता और नशीली दवाओं में एक समानता है: और वह यह कि इस आनंद के साथ एक बाध्य करने वाला तत्त्व भी जुड़ा है जिसके साथ हमारे व्यक्तित्व का एक भाग तो सहयोग करता है और दूसरा नहीं । इस प्रकार अनंतकाल से पुरुष खुद को कामुकता के हाथों बर्बाद होने से बचाते हुए इसका मज़ा लेने की कोशिश करते रहे हैं । समाजों व धर्मों की व्याख्या इस आधार पर की जा सकती है कि वे इस पहेली को कैसे सुलझाते हैं । बहुपत्नीप्रथा, अत्याधिक नियंत्रण के साथ एकपत्नीप्रथा, प्रेम-संबंधों की छूट के साथ एकपत्नीप्रथा, वेश्याओं का संसर्ग स्वीकार करते हुए एकपत्नीप्रथा, एक समय पर एक पत्नी परंतु अलग-अलग समय पर अलग-अलग स्त्रियों से विवाह की छूट । और ऐसे व्यक्तिगत समाधान जो कि बहुत ही कौशल या दुस्साहस दर्शाते हों: विक्टर ह्यूगो, जिन्होंने अपने दफ़्तर की दीवार में एक दरवाज़ा बनवाया था जिससे हर दोपहर एक लड़की अंदर आ सके । हर शहर में पुरुष-वेश्या ढूंढ निकालने का ऑडन का कौशल । या फिर पिकासो को ही लें - जब उनकी पत्नी और रखैल ने उन्हें दोनों में से एक चुनने को कहा तो उन्होंने साफ़ इन्कार कर दिया । बेशक, इनके अलावा ऐसे लोग भी हैं जो खुद को तकलीफ़ या सज़ा देते हैं । लेकिन जब आप ताज़े रंगों में रंगे या फिर पेचीदा उलझनों से भरे जीवन में कदम रखें तो शायद एक बात जो याद रखने योग्य है वह यह है कि कामुकता का आविष्कार आपके लिये या फिर जीव-वर्ग की उत्तरजीविता के लिये नहीं किया गया था । यह तो देवताओं के मनोरंजन का साधन मात्र है । किसी भी अन्य वस्तु से उत्तेजना या किसी और के दुख से सुखी होने के इतने अवसर नहीं मिलते जितने कि कामुकता से मिलते हैं । यही कारण है कि यह इतनी कथाओं का केंद्र है । कैसे हेलन के विश्वासघात के परिणाम देखने के लिये देवता स्वर्ग के छज्जों पर एकत्रित हो गये थे! और आपके दोस्त भी देख रहे हैं । आपकी इस बेतुकी उछलकूद ने न जाने कितनी देर-रात की गप-शप में चार-चाँद लगा दिये हैं । पौराणिक कथाओं और इतिहास की सीमाओं पर खड़ा मोहिनियों से बच निकलने वाला वह चालाक ओडिसॅस जिसने सबसे पहले देवताओं को धोखा देने की कला में महारत हासिल की थी । और शायद उसकी सबसे बेहतरीन चाल यह थी कि वह मोहनियों की आवाज़ के दायरे में आने से पहले ही खुद को जहाज़ के मस्तूल से बांध लेता था । बेशक, वे लोग भी हैं जो किनारे पर खड़े होकर या फिर क्षितिज का निरीक्षण मात्र कर ही खुश हो लेते हैं । अन्यथा अपना मस्तूल खोज लें और वे रस्सियां ढूंढ लें जो आपको उपयुक्त लगतीं हों : खेल-कूद, काम करने का नशा, हाथ में धर्म-ग्रंथ और घंटी ले ब्रह्मचर्य... परंतु शायद सबसे सहृदय व मज़बूत रस्सियां आपको किसी शहरी साथ-जुड़े मकान में ऊधमी बच्चों और ऐसी स्त्री के रूप में मिलेंगीं जो ज़्यादा वक्त तक आराम से न बैठने दे । टिम पार्क्स द्वारा लिखित ईरोज़ नामक निबंध से उद्धृत | | Entry #4624
|
मादक पदार्थ के सेवन से उत्पन्न कामोत्तेजना में यह बात आमतौर पर होती है; कि इसके आनंद में बाध्य करने वाला एक तत्व होता है जिसके लिए हम अंशत: सह-अपराधी होते है और अंशत: नहीं। इस प्रकार, शाश्वत काल से ही आदमी कामोत्तेजना से बर्बाद हुए बिना इसका मजा लेने की कोशिश करता रहा है। समाजों, धर्मों को पारिभाषित करने के लिए यह देखना जरूरी है कि भ्रमित करने वाली इस स्थिति के प्रति उनका नजरिया क्या है-बहु पत्नी प्रथा, खुद का दमन करते हुए एक पत्नी प्रथा, प्रेम प्रसंगों के साथ एक पत्नी प्रथा, वेश्यावृत्ति करते हुए एक पत्नी प्रथा, एक के बाद एक सिलसिलेवार विवाह। इसके लिए सोच समझ कर की गई चालबाजियों या जरूरतें पूरी करने के लिए निजी तौर पर अपनाए गए तरीकों का उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है : विक्टर ह्यूगो के कार्यालय का दरवाजा खटखटाते हुए हर शाम कोई एक लड़की कार्यालय में प्रवेश करती थी। ऑडन की कामुकता हर शहर में कॉल-बॉय तलाश ही लेती थी। पिकासो से जब उसकी पत्नी और नौकरानी ने उनमें से किसी एक को चुनने को कहा तो उसने साफ तौर पर इंकार कर दिया। इसके बाद वास्तव में प्रायश्चित करने जैसी स्थिति होती है। लेकिन जब आप ताजा रंगों और संत्रासयुक्त विषमता से भरे जीवन के साथ जागते हैं तब शायद याद रखने वाली बात यह होती है कि कामोत्तेजना की खोज न तो आपके लिए और न ही शायद प्रजातियों के अस्तित्व में बने रहने के लिए हुई थी बल्कि यह दैवीय आनंद के लिए थी। उत्तेजित होने और परपीड़ा से सुख मिलने के इतने अवसर किसी और चीज से नहीं मिलते जितने कामोत्तेजना से। यही कारण है कि तमाम किस्से-कथाओं का केंद्र यही है। हैलेन के विश्वासघात के परिणामों को देखने के लिए कैसे देवतागण स्वर्ग की बालकनी में एकत्र हो गए थे! और तुम्हारे मित्र भी देख रहे हैं। तुम्हारी मूर्खतापूर्ण हरकतों से देर रात छिड़ने वाले अनेक किस्सों में रौनक आ गई है। पुराण और इतिहास की सीमारेखाओं पर, धूर्त ओडिसस वह पहला व्यक्ति था जिसने देवताओं तक को छलना सीखा। और शायद उसकी सबसे शानदार चाल यह थी कि साइरन्स की श्रवण सीमा के भीतर आने से पहले खुद को मस्तूल से बाँध लेना। वस्तुत: कुछ लोग ऐसे होते हैं जो रेलिंग के सहारे टिककर क्षितिज को निहारने में ही खुशी महसूस करते हैं। अन्यथा अपना मस्तूल चुनिए, उन स्वच्छंदताओं को तलाशिए जो आपके अनुकूल हों : खेल, काम करने की धुन, प्रार्थनापुस्तक और घंटियों के साथ ब्रह्मचर्यत्व .....लेकिन सबसे मखमली और मजबूत स्वछंदता शायद शहर से अधकटे उन उपनगरों के उधमी-हुड़दंगी बच्चों और महिला में पाई जाती हैं जो धूल को क्षण भर को भी शांत नहीं रहने देते। | Entry #3554
|